जैसा कि इस बदलते युग में सभी को खुलकर जीने का अधिकार दिया गया है, वही लड़कियों को साक्षर करने का भी अभियान शुरू हुआ है। परन्तु पुराने समय के कुछ लोगों की मानसिकता को देखा जाए-तो ये मानसिकता बनी हुई है
कि- यदि वे अपने घर की लड़कियों को स्कूल भेजेंगे तो उनकी बदनामी होगी, ऐसी मानसिकता वाले लोग अभी भी हैं जो बेटियों को जन्म से पहले ही मार देते है-भ्रूण हत्या कर देते है । क्यों क्या लड़कियों को जीने का अधिकार नही है ?
नारी ही शक्ति है नारी ही पूजा नारी बिन सब अधूरा है ज्ञान की देवी भी नारी है तो जन्म देने वाली वो माँ भी ज्ञानी है
अधूरी तेरी हर वाणी है जहाँ नारी को समझा जाता अबला नारी है शत्रुओं का संघार है तो ममता का भंडार है
वीणा में मधुरता है आँखों में ममता है ह्रदय में नम्रता है
न मारो इनको जन्म से पहले यही तो घर का वो दीपक है जो कभी न बुझेगा हमेशा ही आँगन में गुलाब का फूल खिलेगा रहेगी खुशहाली सबके आँगन में जब सभी बेटी को अपना बेटा मानेगा