।।वन्दे मातरम।।
“कल्की इण्डिया टास्क फाउण्डेशन “फोर्स”कल्की इण्डिया टास्क फोर्स…………………….”सिर्फ एक संस्था नही, बल्कि एक सोच है, जिसका संचालन “लखनऊ से ” हो रहा है। स्वजीवन के खट्टे- मीठे अनुभवों से प्रेरणा ले कर हमने, इस फोर्स की शुरुआत की है,
“सम्राट अशोक ने, एक राष्ट्र – “सम्पूर्ण भारत” की कल्पना की, और एक संपूर्ण राष्ट्र का निर्माण किया”
“शहीद भगतसिंह जी ने स्वतंत्र, स्वाभिमानी राष्ट्र की कल्पना की”
“स्वामी विवेकानन्द जी ने भारत को विश्वगुरु बनाने की कल्पना की”
हमने, भी कुछ निर्णय लिये हैं,
प्रथम- शिक्षा जीवन का महत्वपूर्ण भाग है, क्योंकि अशिक्षित व्यक्ति जीवन काट तो सकता है, परन्तु जीवन जी नही सकता, वह किसी वस्तु को प्राप्त तो कर सकता है, परन्तु उसकी वास्तविक उपयोगिता नही ज्ञात कर सकता, इस हेतू शिक्षा पर सभी का अधिकार है, परन्तु अर्थ व्यवस्था के चलते सभी को शिक्षा नही मिल पाती। जो हमारी अपनी सोच है कि, उच्च शिक्षा-निःशुल्क होनी चाहिये, जिससे की शिक्षा एक समान व् सभी को मिल सके।
हमारा मिशन-“उच्च शिक्षा – निःशुल्क शिक्षा मिशन”
इसके अंतर्गत हम एक विध्यालय शुरू करेंगे। उस विध्यालय में शुरू (प्ले) से लेकर आखिरी (बारहवी) तक कि पढाई बिल्कुल निःशुल्क होगी। जो शिक्षा आज किसी सीबीएसई कान्वेंट स्कूल में, या किसी icse इंग्लिश टू इंग्लिश स्कूल में या, किसी अन्य बोर्ड के माध्यम से दी जा रही है, उसी कोटि की, शिक्षा हम बिना किसी शुल्क के देंगे।
द्वितीय- बेरोज़गारी देश के लिये अभिशाप बनी हुई है, रोज़ी-रोटी के लिये हमारे नवयुवक जाने कहाँ-कहाँ भटक रहे हैं………….अपने परिवार कि जिम्मेदारी उठाने के लिए अपना स्वाभिमान खो कर कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं, हमने जिम्मेदारी ली है कि, युवाओं को सही मार्गदर्शन करा-उनके हेतू, उनकी क़ाबलियत के हिसाब लायक रोजी-रोजगार कि व्यवस्था…………..
हमारा मिशन-“युवा स्वाभिमान मिशन” 1- हमारा आज का युवा भटका हुआ है, उसे अपनी उम्र के 30 वर्ष ये समझने में लग जाते हैं कि, उसे करना क्या चाहिये, इस लिए हम लोगो तक पहुँच कर उनके मौलिक स्तर को उद्घृत करके, उन्हें सही दिशा में ले जाने का प्रयास करेंगे। 2- जिन व्यक्तियों को अर्थ, धन, ज्ञान या अन्य किसी प्रकार के साधन अथवा संसाधन की आवश्यकता पड़ेगी, हम उसे उन व्यक्तियों तक पहुँचाने का प्रयास करेंगे। 3- भारत सरकार द्वारा जन हित में किये जा रहे, प्रयासों को सार्थक रूप में लाने का प्रयास करेंगे, जिससे कि हर घर में रोटी बने।
तृतीय- हमारे देश के वीर सिपाही, चाहे पुलिस हो, आर्मी हो, नेवी हो, होमगार्ड या किसी भी फोर्स के हो- वर्दी पहनी है तो सिपाही हैं, जो बॉर्डर पर तैनात हैं, जो पानी के नीचे हैं, जो हर चौराहे पर दिन रात हमारे लिए तैनात हैं, ताकि हम अपने घरों में सुरक्षित रहें। सिपाही से अपेक्षा तो हर कोई रखता है कि, जब हम मुसीबत में होंगे तो सिपाही हमे बचा लेंगे, लेकिन क्या कोई उन सिपाहियों के लिए- कोई विचार करता है, कोई उनसे यह पूछता है कि, उन्होंने क्या खाया, कैसे रहते हैं, कैसे जी रहे हैं, शायद नहीं? दर्द तो तब होता है जब……….. 6 महीने पहले बॉर्डर ड्यूटी पर गए सिपाही की लाश बर्फ में….. 6 महीने बाद दबी मिलती है।
सिपाही जो……. -डीयूटी पर है, उनके पास पर सुविधा के नाम पर क्या है, – सिपाही जो रिटायर हो कर किस तरह का जीवन जी रहे हैं, – सिपाही जिनके शहीद हो जाने पर, उसके आश्रितों की दशा क्या है, क्या किसी ने पूछा……
हमारा मिशन-” मेरे वतन के सिपाही” संस्था के सबसे जरूरी हिस्से को मै स्वयं देखूंगा, (इसीलिए मै लिख रहा हूँ) इसमें मैं अपने सिपाही के उन परिवार वालो से मिलूँगा, जो उनके पीछे छूट गये हैं। जिनके बूढ़े माता-पिता अपनी मौत को रोज़ ये कह कर टाल देते है कि, फिर कभी आना, आज हमारा अंतिम संस्कार करने वाला दूर बार्डर पर बैठा है। जिनके शहीद हो जाने पर उनके परिजनों को उनकी खबर, या उनका पार्थिव शरीर छ: महीने बाद मिलता है। या किसी किसी भाई का तो शरीर भी मिलता ही नही….. ऐसे सिपाहियों के परिजनों से मिल कर उनके हाल-खबर लेकर कोशिश ये करूंगा कि, बेटा तो नही बन सकता लेकिन उसकी कमी पूरी कर सकू।
अपील आपसे मेरी अपील है कि, संस्था से जुड़ें, तथा हमारे मिशन को-अपना मिशन बनाकर सार्थक होने में सहयोग करें। जुड़ने के निम्न नियम- 1- सदस्य 2- सक्रीय सदस्य 3- विशेष सदस्य सदस्य- सदस्य वह व्यक्ति है जो, संस्था से सदस्यता लेता है। संस्था द्वारा किये जा रहे कार्यक्रम में वह भाग लेकर, संस्था के लाभ प्राप्त कर सकता है। सक्रीय सदस्य- सक्रीय सदस्य वह व्यक्ति है जो, संस्था में स्वयं जुड़ता है और साथ ही अन्य व्यक्तियों को भी जुड़ने के लिए प्रेरित करता है। वह संस्था में आंशिक लाभ का पात्र होता है। विशेष सदस्य- विशेष सदस्य वह व्यक्ति है जो, संस्था में जुड़ता है, संस्था के कार्यो में हिस्सा लेता है, अपना निवेश करके संस्था के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने हेतू सहयोग करता है। विशेष सदस्य को कुछ विशेष अधिकार प्राप्त होते है, साथ ही संस्था द्वारा किये गये कार्यक्रमों में वह निश्चित लाभ का अधिकारी होता है।
निवेदक
विजय वर्मा (विजय भगत) अध्यक्ष कल्की इण्डिया टास्क फा0